गीता स्कूल जाती थी और पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। वह अपने माता-पिता की मदद करने के लिए घर के काम भी करती थी।
शिक्षा –सच्चाई किसी से छुपाये नहीं छुपती।
सेठ मोहन का घर का पता पूछ कर उसके घर पहुंचा तो देखा कि मोहन की घर की हालत बहुत खराब है। उसका परिवार भूख से बेहाल है और वह खुद अपने हाथ पैर पर चोट के साथ एक खाट में पड़ा हुआ है।
रात होने पर, गधा और गीदड़ चुपचाप बगीचे में घुस गए और फिर भर पेट खाने लगे। खाते वक्त, गधे के मन में कुछ सूझा और उसने कहाँ, “ओह, इतने स्वादिष्ट खीरे और चाँद को देखो!
दिन बीत रहे थे। किसान का हौसला टूट रहा था कि एक दिन महेश के घर एक hindi kahaniya आदमी आया। वह देखने में बहुत बीमार लग रहा था। महेश ने सोचा कि अब वह क्या करे। महेश के दिमाग में आया कि घर में जो कुछ खाने के लिए बचा है वह उसकी सेवा में लगा दे।
अगली सुबह, जब गोपी अपने खेतों में मेहनत कर रहा था, उसने कुछ असामान्य देखा। उसकी फसलें आश्चर्यजनक दर से बढ़ती दिख रही थीं। उसके मक्के के डंठल आसमान तक पहुँच गए, उसके कद्दू फूलकर विशाल आकार के हो गए, और उसके सेब के पेड़ों पर इतने मीठे फल लगे कि इसे केवल जादू ही कहा जा सकता है। गोपी इस अप्रत्याशित इनाम से आश्चर्यचकित और बहुत खुश था। ऐसा लगा मानो उसके खेतों को किसी चमत्कार ने छू लिया हो।
एक निर्धन धोबी था। उसके पास एक गधा था। गधा काफी कमजोर था. क्योंकि उसे बहुत कम खाने को मिलता था।
“गोपी ,” इलियास ने कहा, “मैं देख रहा हूँ कि तुम अपने भाग्य का सही मूल्य भूल गए हो।”
इस पर उसकी मां रमेश को अपने साथ लेकर गांव चली गई।
राम – श्याम दो भाई थे, दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ा करते थे और यहां तक कि एक ही कक्षा में। किंतु राम पढ़ने में होनहार था
पोता खूब मन लगाकर उन कहानियों को सुनता। उस नन्हे से पोते का नाम श्याम था। घर में महंगे महंगे चीनी – मिट्टी और अन्य क्रोकरी के समान थे।
चूहा अपने दांतो से जाल को काटने की कोशिश करता है और अंत में वो शेर को बाहर निकालने में सफल हो जाता है। शेर चूहे के इस काम से बड़ा खुश होता है। वो चूहे से कहता है कि दोस्त मैं तुम्हारा ये अहसान कभी नहीं भूलूंगा और साथ ही कहता है आज से तुम मेरे सच्चे मित्र हो।
ईमानदारी का इनाम जीवन की एक मूल्यवान कहानी
तो साधू की बातो को सुनकर हामी भर दी और किसान बोला “हां महाराज हमारे साथ कुछ ऐसा ही है अब आप ही चाहो तो आपके आशीर्वाद से शायद हमारी किस्मत बदल जाए”